
ITI Welder Course 2025 :- अगर आपने 10वीं कक्षा पास कर ली है और कोई ऐसा कोर्स ढूंढ रहे हैं जिससे जल्दी नौकरी मिल सके, तो ITI वेल्डर कोर्स आपके लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। यह एक वोकेशनल (व्यावसायिक) ट्रेनिंग प्रोग्राम है, जो खास उन छात्रों के लिए है जिन्हें लोहे, स्टील और मेटल के साथ काम करना पसंद है। अगर आपको कुछ बनाने, जोड़ने या मरम्मत करने में दिलचस्पी है, तो यह कोर्स आपके लिए ही बना है। इस लेख में हम आपको ITI Welder कोर्स से जुड़ी जरूरी बातें बताएंगे जैसे – इसमें एडमिशन लेने की योग्यता, कितनी फीस लगती है, सैलरी कितनी मिलती है, और आगे क्या-क्या करियर विकल्प मिल सकते हैं।
इस कोर्स में आपको वेल्डिंग की अलग-अलग तकनीकों के बारे में सिखाया जाता है। इसके साथ ही, सुरक्षा के नियम और इंडस्ट्री में काम आने वाली जरूरी स्किल्स भी सिखाई जाती हैं। कोर्स पूरा करने के बाद आप मेटल इंडस्ट्री में, सरकारी संस्थानों में या नामी प्राइवेट कंपनियों में काम कर सकते हैं। पूरी जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें।
Parameter | Course Details |
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Course Name | ITI Welder |
Course Level | Vocational Training (Certificate) |
Course Duration | 1 Year (2 Semesters) |
Minimum Eligibility | Passed 8th or 10th Grade (depends on the institute) |
Minimum Marks Required | Minimum 35%-50% Marks in 8th/10th (varies by institute) |
Admission Process | Merit-Based or Entrance-Based (e.g., AIE CET, state-level exams) |
Age Limit | 14 to 40 Years |
Main Subjects | Welder Trade Theory, Workshop Calculation & Science, Engineering Drawing, Employability Skills |
Average Course Fees | Govt. ITIs: ₹2,000 – ₹20,000/year Private ITIs: ₹10,000 – ₹50,000/year |
Average Starting Salary | ₹1.2 LPA – ₹3 LPA |
Top Job Profiles | Arc Welder, Gas Welder, Pipe Welder, Fabrication Technician |
Top Recruiters | L&T, Tata Steel, BHEL, IOCL, Shipbuilding Industries, Construction Companies |
ITI वेल्डर कोर्स क्या है?
ITI Welder एक साल का कौशल आधारित (वोकेशनल) ट्रेनिंग कोर्स है, जिसे नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (NCVT) मान्यता देती है। इस कोर्स में छात्रों को वेल्डिंग यानी धातुओं (लोहे आदि) को जोड़ने की ट्रेनिंग दी जाती है।
इसमें आपको कई तरह की वेल्डिंग तकनीकें सिखाई जाती हैं, जैसे:
- आर्क वेल्डिंग
- MIG वेल्डिंग
- TIG वेल्डिंग
- गैस वेल्डिंग
- फ्लक्स-कोर्ड आर्क वेल्डिंग
साथ ही, सुरक्षा नियम, ब्लूप्रिंट (डिज़ाइन) पढ़ना, वेल्डिंग से जुड़े चिन्ह और उपकरणों के सही इस्तेमाल के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
इस कोर्स में थ्योरी से ज्यादा ध्यान हाथों से काम करने की ट्रेनिंग (प्रैक्टिकल) पर दिया जाता है, ताकि छात्र काम के लिए तैयार हो सकें।

ITI Welder कोर्स क्यों करें?
- भारत और विदेशों में वेल्डर की बहुत मांग है।
- निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग, गाड़ियाँ बनाने, जहाज और हवाई जहाज उद्योग में वेल्डर्स की जरूरत होती है।
- सरकारी कंपनियां जैसे BHEL, IOCL और प्राइवेट कंपनियां जैसे L&T, Tata Steel, Reliance Industries वेल्डर्स को नौकरी देती हैं।
- यह कोर्स करने के बाद अच्छी सैलरी और एक स्थिर करियर मिल सकता है।
ITI Welder कोर्स के लिए योग्यता (Eligibility)
- शैक्षिक योग्यता:
किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से 8वीं या 10वीं पास होना जरूरी है। - न्यूनतम अंक:
ज्यादातर संस्थानों में 35% से 50% तक अंक चाहिए होते हैं।
आरक्षित वर्ग (SC/ST/OBC) को कुछ छूट मिल सकती है। - आयु सीमा:
आयु 14 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
कुछ संस्थानों में यह नियम अलग हो सकते हैं। - प्रवेश परीक्षा (अगर हो):
कुछ राज्यों या संस्थानों में एंट्रेंस एग्जाम होती है, जिसमें गणित, विज्ञान और सामान्य ज्ञान से प्रश्न पूछे जाते हैं।
ITI Welder कोर्स में एडमिशन कैसे लें?
- आवेदन करें:
जिस राज्य या संस्थान में आप दाखिला लेना चाहते हैं, वहां की वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरें।
अगर एडमिशन मेरिट के आधार पर है, तो 8वीं या 10वीं के नंबरों के अनुसार ही चयन होगा। - प्रवेश परीक्षा दें (अगर जरूरी हो):
अगर कॉलेज में परीक्षा के जरिए दाखिला होता है, तो राज्य स्तर की एग्जाम में शामिल हों। अच्छे अंक लाकर टॉप ITI में एडमिशन मिल सकता है। - मेरिट लिस्ट और काउंसलिंग:
आपके अंक या परीक्षा के आधार पर एक मेरिट लिस्ट बनेगी। फिर काउंसलिंग प्रक्रिया के जरिए कॉलेज और ब्रांच तय की जाएगी।
इस दौरान जरूरी दस्तावेजों की जांच होती है (जैसे मार्कशीट, आधार कार्ड आदि)।
आजकल ये सब कुछ ऑनलाइन भी होता है। - फीस जमा करें:
कॉलेज में सीट मिल जाने के बाद तय फीस जमा करनी होती है।
आरक्षित वर्ग या मेधावी छात्रों के लिए छूट या स्कॉलरशिप भी मिल सकती है।
यहाँ ITI वेल्डर कोर्स की जानकारी को आसान और अलग अंदाज़ में हिंदी में लिखा गया है:
ITI वेल्डर कोर्स की अवधि और ढांचा
ITI वेल्डर एक 1 साल का ट्रेनिंग प्रोग्राम होता है, जिसे सेमेस्टर सिस्टम के तहत पूरा किया जाता है। इस कोर्स में 2 सेमेस्टर होते हैं, और हर सेमेस्टर की अवधि 6 महीने की होती है।
इस कोर्स में आपको थ्योरी (सिद्धांत) और प्रैक्टिकल (व्यावहारिक अभ्यास) दोनों की ट्रेनिंग दी जाती है। हर सेमेस्टर में 4 से 5 विषय पढ़ाए जाते हैं, जिनमें वर्कशॉप में काम, असाइनमेंट और फील्ड ट्रेनिंग शामिल होती है।
कुछ संस्थान इस कोर्स के दौरान प्रोजेक्ट वर्क और इंटर्नशिप भी करवाते हैं, जिससे छात्रों को इंडस्ट्री का अनुभव मिलता है और नौकरी के लिए तैयार किया जाता है।
ITI वेल्डर के विषय और सिलेबस (सेमेस्टर के अनुसार)
ITI वेल्डर के विषय और पाठ्यक्रम (सिलेबस) अलग-अलग कॉलेज या राज्य के बोर्ड के अनुसार थोड़े बहुत बदल सकते हैं। लेकिन आमतौर पर इस कोर्स में नीचे दिए गए विषय पढ़ाए जाते हैं:
- वेल्डिंग के बुनियादी सिद्धांत
- गैस वेल्डिंग और आर्क वेल्डिंग
- वेल्डिंग मशीनों का परिचय और उनका उपयोग
- मेटल की पहचान और उसकी प्रकृति
- सेफ्टी रूल्स और सुरक्षा के उपाय
- ड्राइंग पढ़ना और समझना (टेक्निकल ड्रॉइंग)
- प्रैक्टिकल वर्कशॉप (हाथों से काम करना)
- प्रोजेक्ट और असाइनमेंट
हर छात्र को वर्कशॉप में नियमित रूप से अभ्यास करवाया जाता है ताकि वह वेल्डिंग के काम में कुशल बन सके।
Career Options After ITI Welder – Salary, Hiring, and Job Roles
Level | Salary Range (Per Annum) | Job Roles |
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Entry-Level | ₹1.2 LPA – ₹3 LPA | Arc Welder, Gas Welder, Assistant Welder |
Mid-Level | ₹2 LPA – ₹5 LPA | Pipe Welder, Fabrication Technician, Supervisor |
Senior-Level | ₹4 LPA – ₹8 LPA+ | Welding Inspector, Senior Welder, Project Lead |
आईटीआई वेल्डर के बाद आगे की पढ़ाई के विकल्प:
- पॉलीटेक्निक डिप्लोमा (मैकेनिकल इंजीनियरिंग):
यह 3 साल का टेक्निकल कोर्स होता है। अगर आपने आईटीआई कर लिया है, तो आप सीधे दूसरे साल में लेटरल एंट्री के जरिए दाखिला पा सकते हैं। - सीटीआई / सीआईटीएस (इंस्ट्रक्टर कोर्स):
अगर आप आईटीआई में ट्रेनर या शिक्षक बनना चाहते हैं, तो यह कोर्स आपके लिए है। इससे आप क्राफ्ट इंस्ट्रक्टर बन सकते हैं। - 12वीं (NIOS के जरिए):
आईटीआई के साथ-साथ अगर आप NIOS से 12वीं पूरी कर लेते हैं, तो आगे चलकर बी.टेक (लेटरल एंट्री) या किसी अन्य डिग्री कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। - अप्रेंटिसशिप (इंटरशिप जैसा कोर्स):
यह 1 से 2 साल का ट्रेनिंग प्रोग्राम होता है। इसके बाद आपको नेशनल अप्रेंटिसशिप सर्टिफिकेट (NAC) मिलता है, जो सरकारी या प्राइवेट नौकरी पाने में काफी मददगार होता है।